Uttarakhand Administrative Conference: एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस 2025 के दूसरे दिन नवाचार, मॉडल प्रोजेक्ट और भविष्य की दिशा पर केंद्रित प्रस्तुतिकरण
Uttarakhand Administrative Conference: एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस 2025 के दूसरे दिन नवाचार, मॉडल प्रोजेक्ट और भविष्य की दिशा पर केंद्रित प्रस्तुतिकरण
देहरादून। एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस 2025 का दूसरा दिन मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया, जिसमें प्रदेश के कई जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जनपदों की सर्वश्रेष्ठ पहल (Best Practices) और नवाचार आधारित योजनाओं पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। इन प्रस्तुतिकरणों पर उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों ने व्यापक चर्चा की और कई महत्वपूर्ण सुझाव भी साझा किए।
जिलाधिकारी अल्मोड़ा ने “Sports, Health and Wellness” विषय पर प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि जिले में युवाओं को बेहतर खेल सुविधाएं उपलब्ध कराने और नई प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए स्पोर्ट्स और कम्युनिटी फिटनेस जोन तैयार किए गए हैं। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के 100 बच्चों को निःशुल्क कोचिंग, ट्रेनिंग और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे उन्हें खेल करियर में आगे बढ़ने का अवसर मिल सके।
जिलाधिकारी पौड़ी ने “पिरूल एवं इनवेसिव बायोमास लाइवलीहुड” पर अपना प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की मदद से पिरूल और लैंटाना जैसे इनवेसिव पौधों को हटाकर बायोमास तैयार किया जा रहा है। इससे न केवल महिलाओं को स्थायी आय उपलब्ध हो रही है बल्कि वनाग्नि और जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान में भी कमी आई है। इस अभियान में 280 महिलाओं के सहयोग से 1,800 टन हानिकारक वनस्पति हटाई जा चुकी है।

जिलाधिकारी नैनीताल ने “Urban Infrastructure and Mobility” पर प्रस्तुतीकरण दिया, जिसमें नैनीताल के सतत और लक्ष्य आधारित विकास का रोडमैप पेश किया गया। मुख्य सचिव ने सभी नगर निकायों को इसी प्रकार का विकास रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी देहरादून ने बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन के प्रयासों पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि शहर में भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के लिए एक विशेष केंद्र स्थापित किया गया है, जहां उन्हें पढ़ने, खेलने और स्किल डेवलपमेंट की सुविधाएं दी जा रही हैं। उनका उद्देश्य इन बच्चों को भिक्षावृत्ति से बाहर निकालकर सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है। नगर आयुक्त ने भी देहरादून नगर की समस्याओं के समाधान से जुड़े मॉडल का प्रस्तुतिकरण दिया।
जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल ने युवाओं के लिए “Youth Approach” विषय पर अपने प्रयासों को साझा किया। उन्होंने बताया कि युवा वर्ग को स्वरोजगार, कौशल विकास और सकारात्मक गतिविधियों से जोड़ने के लिए कैप्सूल कोर्स, मोबिलिटी सपोर्ट, करियर हब और फ्लेक्सिबल स्किलिंग पाथवे तैयार करने का प्रस्ताव रखा गया है।
जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने धराली में आई आपदा, उससे हुई क्षति और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रस्तुतीकरण दिया। इसके साथ ही “Ecology and Livelihood” पर आधारित प्रोजेक्ट को भी प्रस्तुत किया गया, जिसकी अधिकारियों द्वारा सराहना की गई।
मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने स्पोर्ट्स, ग्रीन लाइवलीहुड और यूथ एम्पावरमेंट से जुड़े नवाचार मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों की सर्वश्रेष्ठ पहलों को आगे बढ़ाएं और भविष्य की योजनाओं को विकसित उत्तराखंड 2047 के विज़न के अनुरूप तैयार करें।
कॉन्फ्रेंस में प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, एल. एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुंदरम सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
सूचना एवं लोक संपर्क विभाग