Jharkhand Women Empowerment: झारखंड की तीन संकुल स्तरीय संस्थाओं को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर मिला बड़ा सम्मान
रांची। झारखंड की महिला संकुल स्तरीय संस्थाओं (CLFs) ने ‘SHG Federation Awards 2025’ में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। महिला अभिवृद्धि सोसायटी (APMAS) द्वारा 21 नवंबर 2025 को हैदराबाद में आयोजित इस प्रतिष्ठित समारोह में राज्य के तीन CLF को पुरस्कृत किया गया, जिससे झारखंड की ग्रामीण महिलाओं के सामूहिक नेतृत्व, संगठन क्षमता और वित्तीय पारदर्शिता की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मजबूत हुई है।
चतरा जिले के धनकेरी और बनहे संकुल स्तरीय संस्थाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त कर झारखंड का नाम रोशन किया। धनकेरी आजीविका महिला संकुल स्वयं सम्भाल सहकारी समिति लिमिटेड, जिसकी स्थापना 4 दिसंबर 2018 को हुई थी, में तीन पंचायतों के 246 स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 3,100 से अधिक महिलाएँ सक्रिय हैं।

इस संस्था को इंटीग्रेटेड वार्षिक योजना, मासिक वित्तीय समीक्षा, बजट-वैरिएंस विश्लेषण, डिजिटल मॉनिटरिंग प्रणाली और 100% लोन पुनर्भुगतान जैसे उत्कृष्ट मानकों के आधार पर राष्ट्रीय द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
इसी तरह, चतरा का ही बनहे आजीविका महिला स्वावलंबी संकुल संघ राष्ट्रीय स्तर पर तृतीय स्थान पर रहा। इस संस्था ने idle cash में कमी, फंड फ्लो प्रबंधन को मजबूत बनाने, डिजिटल पारदर्शिता और zero-default पोर्टफोलियो बनाए रखने जैसी उपलब्धियों से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति बेहतर की।

पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड का बगुरिया संकुल स्तरीय संगठन स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड ने पूर्वी क्षेत्र में द्वितीय स्थान प्राप्त कर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। 6 जुलाई 2018 को गठित इस संगठन ने किसानों को कम-ब्याज CIF ऋण, कृषि तकनीक प्रशिक्षण, और सरकारी योजनाओं से बीज-खाद जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए कृषि आधारित आजीविका को नया मॉडल दिया। इसके प्रयासों से 2,500 से अधिक किसान सब्जी उत्पादन के माध्यम से ‘लखपति किसान’ बन चुके हैं।
जेएसएलपीएस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनन्य मित्तल ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व और राज्य सरकार के सहयोग से CLFs ग्रामीण महिलाओं को संगठित कर आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि झारखंड की महिलाओं के सामूहिक नेतृत्व और उनके मजबूत संगठनात्मक कौशल का प्रमाण है।
इन पुरस्कारों ने न केवल झारखंड की महिलाओं की क्षमता और परिश्रम को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है।