UP Night Shift Rules: यूपी में बदला नाइट शिफ्ट नियम, बढ़ाए गए काम के घंटे, महिलाओं के लिए नई गाइडलाइन लागू
UP Night Shift Rules: यूपी में बदला नाइट शिफ्ट नियम, बढ़ाए गए काम के घंटे, महिलाओं के लिए नई गाइडलाइन लागू
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों के लिए 63 साल बाद बड़ा बदलाव किया है। दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम 1962 में संशोधन कर सरकार ने न केवल काम के घंटे बढ़ाए हैं, बल्कि महिलाओं की नाइट शिफ्ट, ओवरटाइम और कर्मचारियों की सुरक्षा से जुड़े कई अहम प्रावधान लागू किए हैं। नया कानून पूरे प्रदेश में लागू होगा और इसका उद्देश्य कर्मचारियों को बेहतर कानूनी सुरक्षा और स्पष्ट अधिकार प्रदान करना है। संशोधन के तहत अब वे सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी इस कानून के दायरे में आएंगे जहां 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।
इसमें क्लिनिक, पॉलीक्लिनिक, डिलीवरी होम, सर्विस सेंटर और कई ऐसे प्रतिष्ठान शामिल हैं जिन्हें पहले इस कानून के अंतर्गत नहीं रखा गया था। अब इन जगहों पर भी कर्मचारियों के काम के घंटे, छुट्टियां और ओवरटाइम के नियम कानूनन तय होंगे। सरकार ने महिला कर्मचारियों की नाइट शिफ्ट के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। पहले महिलाओं की नाइट शिफ्ट रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक मानी जाती थी। अब यह समय बदलकर शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक हो गया है। यानी महिलाएं अब 7 बजे के बाद की शिफ्ट में नाइट शिफ्ट के अंतर्गत मानी जाएंगी। इसके साथ ही जहां कर्मचारी लंबे समय तक खड़े होकर काम करते हैं, वहां बैठने की उचित व्यवस्था करना अनिवार्य कर दिया गया है ताकि कर्मचारी आराम कर सकें। कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र देना नियोक्ता के लिए अब कानूनी रूप से जरूरी होगा। काम के घंटों में बड़ा बदलाव किया गया है।
पहले रोजाना काम के अधिकतम घंटे 8 थे, जिन्हें अब बढ़ाकर 9 कर दिया गया है। किसी भी कर्मचारी से एक दिन में अधिकतम 11 घंटे तक काम कराया जा सकता है, जबकि पहले यह सीमा 10 घंटे थी। ओवरटाइम की सीमा भी बढ़ा दी गई है। पहले 3 महीनों में 125 घंटे से ज्यादा ओवरटाइम नहीं किया जा सकता था, अब यह बढ़कर 144 घंटे हो गया है। कर्मचारियों को प्रति घंटे की सामान्य मजदूरी की दोगुनी राशि ओवरटाइम के रूप में मिलेगी। सरकार ने कानून के उल्लंघन पर जुर्माना बढ़ाकर इसे और सख्त बनाया है। पहले किसी भी गलती पर 100 से 500 रुपये का ही जुर्माना लगता था। अब पहली गलती पर 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगेगा और दूसरी बार गलती करने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना होगा। इस बदलाव को सरकार रोजगार व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मान रही है। प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को इससे अधिक कानूनी संरक्षण मिलेगा, जबकि नियोक्ताओं को नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा।