• November 13, 2025

Uttarakhand Rajya Sthapna: उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ऐतिहासिक संबोधन

 Uttarakhand Rajya Sthapna: उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ऐतिहासिक संबोधन
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Uttarakhand Rajya Sthapna: उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ऐतिहासिक संबोधन

देहरादून, 09 नवम्बर — उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक संबोधन दिया। अपने विस्तृत भाषण में उन्होंने राज्य की 25 वर्षों की विकास यात्रा, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं का व्यापक खाका प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड की स्थापना कोई संयोग नहीं बल्कि वर्षों के संघर्ष, आंदोलन और असंख्य बलिदानों का परिणाम है। उन्होंने राज्य निर्माण में योगदान देने वाले सभी हुतात्माओं, आंदोलनकारियों, पूर्व प्रधानमंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को नमन किया। उन्होंने कहा कि यह राज्य उन सपनों का प्रतीक है जो हजारों लोगों ने अपने रक्त और त्याग से सींचे हैं।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड आज तेजी से प्रगति कर रहा है। राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 26 गुना बढ़ा है और प्रति व्यक्ति आय में 18 गुना वृद्धि हुई है। नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य सूचकांक में उत्तराखंड देश में प्रथम स्थान पर है, जबकि किसानों की आय वृद्धि दर में भी राज्य राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले वर्षों में 30 से अधिक नई नीतियाँ लागू की हैं, जिनसे उद्योग, पर्यटन, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है। उन्होंने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 3.56 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश समझौते हुए, जिनमें से 1 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जा चुका है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर समानता, न्याय और महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक पहल की है। साथ ही, भू-कानून, धर्मांतरण विरोधी, दंगारोधी और नकल विरोधी कानून जैसे सख्त कदम उठाकर पारदर्शी व जवाबदेह शासन की मिसाल कायम की गई है।

उन्होंने बताया कि राज्य में 26 हजार से अधिक युवाओं को पारदर्शी प्रक्रिया से सरकारी नौकरियों में अवसर दिए गए हैं। वहीं, “लखपति दीदी” योजना के तहत 1 लाख 65 हजार से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान के लिए आरक्षण, पेंशन और पहचान पत्र जैसी व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड “विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड” के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री मोदी के “2047 तक विकसित राष्ट्र” के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रदेश की सवा करोड़ जनता के सहयोग से उत्तराखंड आने वाले वर्षों में देश का श्रेष्ठ राज्य बनेगा।

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण का समापन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गीत की प्रेरक पंक्तियों के साथ किया—
“पतवार चलाते जाएंगे, मंज़िल आएगी… आएगी।”

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