• October 27, 2025

Devbhoomi Cultural Festival: माणा गाँव में देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव का भव्य समापन – सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन और आर्थिकी को नई उड़ान

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Devbhoomi Cultural Festival: माणा गाँव में देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव का भव्य समापन – सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन और आर्थिकी को नई उड़ान

उत्तराखंड के सीमांत माणा गाँव में दो दिवसीय “देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव 2025” का भव्य समापन हुआ। इस ऐतिहासिक आयोजन में संस्कृति, परंपरा और देशभक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने कार्यक्रम की सफलता पर स्थानीय जनता, सेना एवं प्रशासन की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव ने सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने का कार्य किया है।

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मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना और उत्तराखंड सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि “वाइब्रेंट गांवों की आर्थिकी को यह आयोजन नया संबल प्रदान करेगा।” उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजनों से न केवल स्थानीय संस्कृति को प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होते हैं। धामी ने सेना और प्रशासन द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों और “नो योर आर्मी” प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी सेना और नागरिकों के बीच विश्वास और सहयोग की भावना को और मजबूत बनाएगी। सेना द्वारा प्रदर्शित आधुनिक उपकरणों, मॉडल्स और सूचना सामग्रियों को देखकर उन्होंने कहा कि यह नई पीढ़ी को देशभक्ति और सेवा की भावना से जोड़ने का श्रेष्ठ माध्यम है।

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महोत्सव में स्कूली बच्चों ने पारंपरिक लोकगीतों और लोकनृत्यों की शानदार प्रस्तुतियाँ दीं। मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया और कहा कि गढ़वाली लोक संस्कृति की ये झलकियाँ देवभूमि के गौरव को प्रतिबिंबित करती हैं। स्थानीय कलाकारों, बैंड समूहों और कारीगरों ने अपने कला प्रदर्शन से दर्शकों का मन मोह लिया।

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स्थानीय शिल्पकारों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए स्टालों में पारंपरिक बुनाई, लकड़ी के हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद, स्थानीय व्यंजन और अन्य पारंपरिक वस्तुओं को पर्यटकों ने खूब सराहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के उद्देश्यों को और मजबूत करती है तथा सीमांत गांवों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजन केवल सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि सर्दियों के मौसम में पर्यटन विकास, रोजगार सृजन, रिवर्स पलायन को रोकने और सीमांत क्षेत्रों की आर्थिकी को सशक्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री ने बद्री विशाल के दर्शन कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और देश की उन्नति की प्रार्थना की।
इस अवसर पर जिलाधिकारी गौरव कुमार, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, बदरी-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय थपलियाल, सैन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

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