हेलंग बाईपास के विरोध में उतरे लोग, सरकार ने कहा, सामरिक दृष्टि से बनाना है जरूरी
भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ और उसके आसपास के गांवों के लोग व व्यापारी शुक्रवार को हेलंग-मारवाड़ी बाइपास व एनटीपीसी परियोजना के विरोध में सड़क पर उतर आए। उन्होंने जन आक्रोश रैली निकाली और प्रदर्शन किया। प्रदेश सरकार ने कहा कि हेलंग-बाइपास सामरिक दृष्टि बनाना जरूरी है। कुछ लोग तरह-तरह की आशंकाएं जता कर इसका विरोध कर रहे हैं, जो सही नहीं हैं।शुक्रवार को भू-धंसाव से प्रभावित लोग बदरीनाथ बस स्टैंड पर एकत्रित हुए। इसके बाद दोपहर करीब 12 बजे मारवाड़ी चौक होते हुए संस्कृत महाविद्यालय तक जन आक्रोश रैली निकाली और प्रदर्शन किया। लोगों ने एनटीपीसी वापस जाओ, बाईपास निर्माण बंद करो, प्रभावितों को उचित मुआवजा दो… के नारे लगाए। संस्कृत महाविद्यालय परिसर में आयोजित सभा आयोजन में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा कि सभी लोगों की राय है कि जोशीमठ की बरबादी के लिए एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना जिम्मेदार है।
इसे तुरंत बंद करके कंपनी को वापस भेज देना चाहिए। साथ ही मांग की कि एनटीपीसी ने जितना खर्च किया है, उसके दो गुना खर्च करके कंपनी को लोगों का पुनर्वास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 27 दिनों से प्रभावित परिवारों के लोग धरना दे रहे हैं, लेकिन अभी तक पुनर्वास और मुआवजे को लेकर सरकार कोई निर्णय नहीं ले पाई है।