उत्तराखंड में नए जिलों की मांग पर सीएम धामी का बड़ा बयान, जानिए किन नए जिलों के हैं चर्चे
देहरादून, 30 अगस्त। उत्तराखंड में लंबे समय से चली आ रही नए जिलों की मांग को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के एक बयान से दोबारा नई बहस शुरू हो गई है। सीएम ने कहा है कि कुछ ज़िलों के पुनर्गठन की प्रक्रिया भी प्रस्तावित है जिस पर सरकार विचार कर रही है। इस विषय पर विशुद्ध रूप से जनभावनाओं का आदर किया जाएगा। प्रदेश में 4 नए जिलों की लंबे समय से मांग चल रही है। लेकिन हर बार सियासी दांव पेंच में ये मांग ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है।
उत्तराखंड में 13 जिले हैं। इसके बाद नए जिलों की मांग लंबे समय से उठ रही है। वर्ष 2011 में तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट को नया जिला बनाने की घोषणा की थी, जो कि पौड़ी गढ़वाल जिले में कोटद्वार, उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री, अल्मोड़ा जिले में रानीखेत और पिथौरागढ़ जिले में डीडीहाट को नया जिला बनाने की संस्तुति की गई थी। हालांकि बाद में नए जिलों को लेकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।कांग्रेस सरकार में पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी नए जिलों के गठन के लिए 2016 के बजट में 100 करोड़ की व्यवस्था करने की बात की। हालांकि इसके बाद कांग्रेस में राजनीतिक उठापटक शुरू हुई और 4 जिलों की मांग फिर से ठंडे बस्ते में डाल दी गई। चुनाव से पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने नए जिलों की मांग पर एक नया दांव खेला। हरीश रावत ने 4 जिलों कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट की जगह 9 जिले जिनमें नरेंद्र नगर,काशीपुर, गैरसैंण, वीरोंखाल, खटीमा भी जोड़ दिए।